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हालात-ए-सूरत बदलनी चाहिए.....




हालात-ए-सूरत बदलनी चाहिए। 
तब्दीली जमीं पे दिखनी चाहिए ।।
 गुलिस्ता में फूल खिले ना खिले । 
चहरो पे रौनक दिखानी चाहिए ।। 


कवि अमृत 'वाणी'

 

अक्सर आने जाने में कुछ लोग......

 




"अक्सर आने जाने में कुछ लोग 
आदतन होते रहते इतने लेट 
आते आते निकल जाती 
कलेंडर की कई अगली डेट" 



कवि अमृत 'वाणी'





समय समय पर समय रहते .....

 




"समय समय पर समय रहते 
अपने समय को समय से मिलालों
 घड़ी बांधने से कुछ नहीं होगा जनाब 
घड़ी देखने की आदत भी डालो" 


अमृत 'वाणी'

सफ़र में मुश्किलें आए, तो हिम्मत और बढ़ती है..

 



सफ़र में मुश्किलें आए, तो हिम्मत और बढ़ती है.. 
अगर कोई रास्ता रोके, तो जुर्रत और बढ़ती है.. 
अगर बिकने पर आ जाओ, तो घट जाता है दाम अक्सर.. 
ना बिकने का इरादा हो तो, कीमत और बढ़ती है।"


अमृत 'वाणी'

सफलताएँ सीढ़ियों के अंतिम चरणों की .....

 

 सफलताएँ सीढ़ियों के अंतिम चरणों की तरह होती हैं 
जहाँ हर किसी को कई आंशिक रूप से विफल चरणों को 
पार करना पड़ता है। 


अमृत 'वाणी'