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हालात-ए-सूरत बदलनी चाहिए.....




हालात-ए-सूरत बदलनी चाहिए। 
तब्दीली जमीं पे दिखनी चाहिए ।।
 गुलिस्ता में फूल खिले ना खिले । 
चहरो पे रौनक दिखानी चाहिए ।। 


कवि अमृत 'वाणी'